प्लास्टिक कचड़े से बन रहा है तेल , जाने कैसे।
आज कल हर जगह प्लास्टिक के कचरे की भरमार है, इसे रीसायकल करना न सिर्फ मुश्किल है , बल्कि खर्चीला भी है। लेकिन उसी कचड़े से ईंधन (FUEL) में बदलने की प्रक्रिया सुरु किया है।
भारत के पुणे से दो लोगो ने , 2009 में मेधा तरपत्रे ने अपने बिज़नेस पार्टनर सिरीश भारतरे के साथ MLP यानी MULTI LAYER PLASTIC से वैज्ञानि दोस्तों के साथ मिलकर महीनो के रिसर्च और कई नाकाम प्रोसेस के बाद यह ईंधन बनाया , इन लोगो ने एक ऐसी टेक्नोलॉजी अपने जो हर तरह के प्लास्टिक को उच्च गुणवत्ता वाले ईंधन ( FUEL)में बदल देती है और ये ईंधन (FUEL) ECO FRIENDLY हैं और बेहद ज्वलन सील भी है।
इस ईंधन को बनाने के कुल खर्च 24 रूपए प्रति लीटर होता है इस पॉलीफएल fuel को सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है इसे और प्रोसेसिंग की जरुरत नहीं पड़ती।
जब आप इसे जलाते है तो इस से डीज़ल के मुकाबले बोहोत काम सल्फर निकलता है इसमें सल्फर की वैद मात्रा 0.17 P V M तो उस हिसाब से ये ज्यादा स्वच्छ ईंधन है।
ूइसलिए जरुरी है की लोगो को बताया जाये की ऐसा हे पस्टिक इस्तेमाल करे जिसे रीसायकल किया जा सके।
इनके साथ 34 दामुदाय के लोग है।
इनसे जुडी संस्था और सीता मेमोरियल ट्रस्ट के कर्मचारी पुणे में 150 किलोमीटर के दायरे में से 15 हजार जगहों से प्लास्टिक उठा कर ले जाते है
D Polymerizing |
सबसे पहले हार्ड प्लास्टिक ,बैग , MLP और अन्य चीजों को एक दूसरे से अलग किया जाता है ,फिर प्लास्टिक को साफ़ कर मशीन में क्रश किया जाता है इसके बाद सब कुछ एक रिएक्टर में जाता है इस प्रक्रिया को थर्मॉकॉटेलिटिक डिपोलीमराइज़शन कहा जाता है
,ऑक्सीज़न के गैर मौजूदगी में इसे कैटलिस्ट किया जाता है इसे धीरे धीरे गरम किया जाता है 150 से 200 डिग्री सेल्सियस प्लास्टिक पिघलनी सुरु होती है जबकि 300 से लेकर 400 डिग्री पे इसका डेपोलीमराइज़शन होने लगता है ,पॉली फ्यूल में बचे तत्वों को छान कर स्टोर कर लिया जाता है फिर उसे डिलीवरी के लिए तैयार किया जाता है। तैयार होंने के बाद इसे 40 रुपये लीटर हिसाब से से कंपनियों को बेचा जाता है।
,ऑक्सीज़न के गैर मौजूदगी में इसे कैटलिस्ट किया जाता है इसे धीरे धीरे गरम किया जाता है 150 से 200 डिग्री सेल्सियस प्लास्टिक पिघलनी सुरु होती है जबकि 300 से लेकर 400 डिग्री पे इसका डेपोलीमराइज़शन होने लगता है ,पॉली फ्यूल में बचे तत्वों को छान कर स्टोर कर लिया जाता है फिर उसे डिलीवरी के लिए तैयार किया जाता है। तैयार होंने के बाद इसे 40 रुपये लीटर हिसाब से से कंपनियों को बेचा जाता है।
D Polymerizing MACHINE |
महाराष्ट्र और गुजरात में प्लास्टिक रीसायकल करने के 10 प्लांट लगाया जा चूका है
FUEL |
Nice 😍😍
ReplyDeleteGreat info
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