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HOW AI KILLING JOB

कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence या AI) का इतिहास प्राचीन समय से है, जब ऑटोमेटा के किस्से सुनाए जाते थे, लेकिन इसका आधिकारिक इतिहास 20वीं सदी के मध्य से शुरू होता है। 1956 में डार्टमाउथ सम्मेलन में "कृत्रिम बुद्धिमत्ता" (Artificial Intelligence) शब्द का प्रवर्तन हुआ, जिससे AI को एक विशेषज्ञ क्षेत्र के रूप में मान्यता प्राप्त हुई। 1980 के दशक में विशेषज्ञ प्रणालियों का उत्थान हुआ, जो मानव विशेषज्ञता को नकल करने के लिए डिज़ाइन किए गए नियमों पर आधारित थे। हालांकि, चुनौतियों के कारण, इसके बाद "AI शीतकाल" आया। 21वीं सदी में, AI को फिर से प्रासंगिकता मिली। मशीन लर्निंग, विशेषकर न्यूरल नेटवर्क्स के साथ, महत्वपूर्ण बना। गहरी सीख की तकनीकों के ब्रेकथ्रू ने प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, कंप्यूटर दृष्टि, और पुनरावृत्ति सीखने के क्षेत्र में प्रगति की। इसके अधीन IBM का डीप ब्लू ने 1997 में विश्व शतरंज चैम्पियन को हराया और AlphaGo ने 2016 में गो विश्व चैम्पियन को हराया। आईए के इस नए युग में, आर्थिक और सामाजिक जीवन के विभिन्न पहलुओं में आईए का प्रयोग हो रहा है। AI kaam ko lene mein aur insano ko badalne mein kuch tarikon se sahayak ho sakta hai. AI, kuch repetitive aur rule-based tasks ko atyant tezi se aur efisheinti taur par kar sakta hai, jisse kuch traditional jobs obsolete ho sakti hain. Is prakar, manufacturing, customer service, aur data entry jaise kshetron mein AI ke istemaal se kuch jobs chali ja rahi hain. Jab AI machines insano ki tarah sochne aur karyon ko samajhne mein mahir ho jaati hain, toh ve kuch karyaon mein insano ko bhi replace kar sakti hain. Lekin, yeh yaad rakhna mahatvapurna hai ki AI ne bhi kuch naye rojgar aur kshetron ko utpann kiya hai, jaise ki AI development, machine learning, aur AI ethics. Is prakar, samasya yeh nahi hai ki AI jobs le raha hai, balki yeh hai ki woh kuch traditional jobs ko badal raha hai aur naye opportunities utpann kar raha hai. Is parivartan mein, samaj ko bhi tay karna hoga ki kis tarah se logon ko naye kshetron mein aur naye tarikon mein kaam mil sakta hai taki yeh parivartan samaj ke liye sakaratmak ho.

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ABOUT THE BEAUTIFUL STATE ASSAM

  ASSAM District numbers of Assam Introduction Assam covers an area of 30,285 sq mi (78,440 km2). The state is bordered by Bhutan and Arunachal Pradesh to the north; Meghalaya, Tripura, Mizoram, and Bangladesh to the south; Nagaland and Manipur to the east; and West Bengal to the west via the Siliguri Corridor, a 22 kilometres strip of land which connects the state to the rest of India. Location Assam lies at the centre of the seven states of North East India. The state primarily comprises of two valleys the Brahmaputra and Barak named the dominant rivers. Capital Dispur is the capital of the state of Assam. It is a locality of Guwahati and it became the capital of Assam in 1973. Languages Assamese is the major language spoken by the people of Assamese. Bodo is another important language. In the Barak valley region, Bengali is spoken by the majority. Tribes like Dimasa, Mishing, Karbi, Rabha, Tiwa, etc. speak their own dialects. Climate With the tropical monsoon cli

कोरोना वायरस (CORONAVIRUS)के लक्षण कही आप को तो नहीं है ?

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सोनपुर मेला भारत का सबसे प्रसिद्ध मेला ( sonpur festival )

सोनपुर  मेला भारत का सबसे प्रसिद्ध मेला  बिहार के सोनपुर में सोनपुर में हर साल कार्तिक पूर्णिमा में लगने वाला विश्वप्रसिद्ध  मेला।  यह एशिया का सबसे बड़ा पशु  मेला है ,एक समय  इस मेले में मध्य एशिया से करोबारी  आया करते थे।  सोनपुर मेले में आज भी नौटंकी और नाच देखने के लिए भीड़ लगती है लेकिन एक ज़माने में यहाँ जंगि  हाथियों के बिक्री का सबसे बड़ा केंद्र था , मौर्य वंस के समय से ये मेला चलता आ रहा है है ,और कहा जाता है की चंद्र गुप्ता मौर्य अपने सेना के लिए यही से हाथियों की खरीदारी करते थे थे उसके अलावा मुग़ल सम्राट अकबर , और वीर कुंवर जैसे राजा महाराजाओ  ने यहाँ से हाथियों की खरीद की थी ,  इस मेले में हर तरह के पसु से लेकर  तरह तरह के  पक्षी  बेचे खरीदे जाते है    जो आपको कही और मिले न मिले सोनपुर में जरूर मिलेगा।  यह मेला पवित्र गंगा और गंडक नदी  के संगम स्थल पर आयोजित किया जाता है और कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर बड़े पैमाने पर श्रद्धालु नदी में डुबकी लगाने आते है जो इस दौरान मेले का हिस्सा  भी बनते है।  यहाँ लोकसंस्कृति से जुड़े कार्यक्रम आयोजित किये जाते है यही कारन है